Tuesday, January 15, 2019

Bharat band ke samay in 2 baccho ne kiya karnama

bharat band के समय इन दोनों भाई-बहन ने एक बड़ा कारनामा किया और बहादुरी दिखाई। 

राष्ट्रपति इन दोनों भाई-बहन को बहादुरी के लिए सम्मानित करेंगे 

भारत बंद के दौरान फायरिंग व पथराव के बीच ट्रैन में फंसे लोगो तक खाना पहुंचाया था.....

मध्यप्रदेश के अद्रिका (10 वर्ष ) व उसके भाई कार्तिक (14 वर्ष ) को नेशनल चिल्ड्रन अवार्ड के लिए चुना गया है। पिछले साल mp के मुरैना में भारत बंद के दौरान पथराव व फायरिंग के  कारण ट्रैन में फंसे लोगो को खाना पहुंचने के लिए उन्हें ये अवार्ड मिलेगा।
अद्रिका और  कार्तिक ने बताया कि पिछले साल अप्रैल में स्कूल की छुटियाँ चल रही थी और हम लोग टीवी देख रहे थे। टीवी पर हम लोगो ने देखा की आंदोलन ने हिंसात्मक रूप ले लिया और हमारे शहर में पथराव तथा फायरिंग हो रही थी। उसी समय हमने देखा कि उपद्रवियों ने ट्रैन को भी रोक दिया है और हजारो यात्री लगभग 6 घंटे से भूखे-प्यासे ट्रैन में फंसे हुए है। हम लोगो ने तय किया कि ट्रैन में फंसे हुए लोगो की मदद करनी चाहिए। पापा घर पर नहीं थे हमने चुपचाप खाने का सामान  एक बेग में भरा और स्टेशन की और चल पड़े जो हमारे घर से 300 मीटर की दुरी पर था। घर से निकलते समय मम्मी ने हमसे पूछा कि हम कहा जा रहे है। इस पर हमने जबाब दिया कि "यही है बस... " रस्ते में पुलिस वालो ने हमें रोका और कहा कि घर चले जाओ यहाँ पर पथराव हो रहे है। यहाँ खतरा है। हम लोग किसी तरह बचते-बचाते ट्रैन तक पहुंचे। ट्रैन में हमने लोगो को खाना खिलाया तो लोगो को विश्वास भी नहीं हुआ। एक महिला ने हम  लोगो से कहा कि बेटा आप लोगो ने तो मेरी जान बचा ली अगर आज आप लोग नहीं आते तो मेरी बच्ची का पता नहीं क्या होता। फिर हम दोनों घर लौटे तो दादाजी ने बहुत ही डांट लगाई। लेकिन जब हमने उनको बताया कि हम लोग ट्रैन में लोगों को खाना खिलाने गए थे तो वो चुप हो गए और उन्होंने हमें गले से लगा लिया। और आज हमें अवार्ड मिलने पर भी दादाजी को ही सबसे ज्यादा खुशी दादाजी को ही हो रही है।
भारत बंद के समय पथराव और गोलीबारी
bharat बंद के समय फायरिंग 

बच्चो के पिताजी ने बताया कि उन्होंने इस अवार्ड के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की वेबसाइट के जरिये ऑनलाइन आवेदन किया था। बाद में दिल्ली से दो अफसरों की टीम मुरैना आई थी और उन्होंने इस घटना के सत्य होने की जाँच भी की थी। अद्रिका और कार्तिक ने कहा कि वे दोनों बड़े होकर आईएएस और आईपीएस बनना चाहते है।

अद्रिका 20 हजार लोगो को आत्मरक्षा की ट्रैनिग भी दे चुकी है।
Taekwondo
self defence 

अद्रिका ताइक्वांडो में ब्लैक बेल्ट है। वो 20 हजार स्कूली बच्चो को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग दे चुकी है। इसलिए उसे "बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ "अभियान का ब्रॉड एम्बेसडर भी बनाया गया है।









No comments:

Post a Comment

THANKS