the accidental prime minister film
नमस्कार दोस्तों !
Hindi news में आज हम बात करेंगे अनुपम खेर की आने वाली फिल्म "the accidental prime minister " की। यह फिल्म पिछले दिनो से विवादित हो रही है हर कोई इस फिल्म पर अपनी टिप्पणी कर रहा है। आपको बता दे कि यह फिल्म संजय बारू की किताब पर बनाई गयी है।
विवादित क्यों ?
आपको बता दे कि यह फिल्म एक्स प्राइम मिनिस्टर मनमोहन सिंह पर बनी है। अभी ट्रेलर को देखकर ही इतना घमासान मचा है तो आप अंदाजा लगा सकते हो कि जब फिल्म रिलीज होगी तो क्या होगा।
ऐसे में सोचने वाली बात यह है कि आखिर इस फिल्म के दृश्य कैसे है। हम आपके लिए कुछ दृश्य जुटाकर लाये है।
the accidental prime minister full movie |
फिल्म के कुछ चौंकाने वाले दृश्य :-
- फिल्म में मनमोहन सिंह मानते है कि "किसी सरकार में सता के दो केंद्र नहीं हो सकते है। मुझे मानना पड़ेगा कि अध्यक्ष ही सता का केंद्र है।"
- फिल्म में प्रधानमंत्री इस तरह लाचार है कि अपने ही ऑफिस में अपने पसंद के ऑफिसर्स की अपॉइंटमेंट नहीं कर सकते है।
- फिल्म में सोनिया गांधी की राष्ट्रीय सलाकार ही सुपर केबिनेट की तरह काम करती है और चीज़ का क्रेडिट उसे ही दिया जाता है।
- फिल्म में मनमोहन सिंह को नजरअंदाज करने का ये असर होगा कि तत्काल विदेश मंत्री प्रणव मुख़र्जी ने अमेरीका की यात्रा से वापस आने के बाद मनमोहन सिंह को ब्रिप करने की आवश्यकता तक नहीं समझी।
- फिल्म में दिखाया जायेगा कि सोनिया गाँधी का सत्ता त्यागना उनकी अंतरात्मा की आवाज नहीं बल्कि एक राजनैतिक षढयंत्र था।
फिल्म के किरदार :-
- फिल्म में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी का रोल अनुपम खेर खुद कर रहे है।
- अक्षय खन्ना ने संजय बारु का किरदार निभाया है।
संजय बारू मई 2004 से अगस्त 2008 तक मनमोहन सिंह के मीडिया सलाकार रहे। नौकरी छोड़ने के लगभग 6 साल बाद 2014 में उन्होंने किताब लिखने की योजना बनायीं थी।
क्या है विवाद ?
महाराष्ट्र यूथ कांग्रेस ने इसे लेकर हंगामा खड़ा किया है और कहा की फिल्म रिलीज होने से पहले कांग्रेस के बड़े - बड़े नेताओ को ये फिल्म दिखानी चाहिए। कांग्रेस नेता पीएल पुनिया ने इसे बड़ी चाल बताया है।
संजय बारू का कहना है की मनमोहन सिंह जी की इमेज बहुत अच्छी थी ,उन्हें सिंह इज किंग कहां जाता था। पर एक न्यूज़ मैग्जीन उनकी छवि गिरने की बात छापी तो मेने किताब लिखने की बात सोची।
अनुपम खेर का कहना है कि सेंसर बोर्ड फिल्म को देख चूका है अब फिल्म को रिलीज से पहले देखने का अधिकार किसी का नहीं है फिर भी अगर मनमोहन जी देखना चाहे तो हम फिल्म दिखने को तैयार है।
अक्षय खन्ना का कहना है कि यह फिल्म न्यायसंगत है और इसमें किसी भी प्रकार का कोई पक्ष पात नहीं है बिना फिल्म देखे आप राय नहीं दे सकते।
फिल्म डायरेक्टर रत्नाकर विजय गुट्टे का कहना है की यह फिल्म प्रोपेगेंडा कैसे हो सकती है जबकि हमने उन्ही तथ्थों पर फिल्म तैयार की ,जो पब्लिक डोमेन में है। हमने सिर्फ वही दिखाया जो सच में हुआ।
अनुपम खेर का कहना है कि सेंसर बोर्ड फिल्म को देख चूका है अब फिल्म को रिलीज से पहले देखने का अधिकार किसी का नहीं है फिर भी अगर मनमोहन जी देखना चाहे तो हम फिल्म दिखने को तैयार है।
अक्षय खन्ना का कहना है कि यह फिल्म न्यायसंगत है और इसमें किसी भी प्रकार का कोई पक्ष पात नहीं है बिना फिल्म देखे आप राय नहीं दे सकते।
फिल्म डायरेक्टर रत्नाकर विजय गुट्टे का कहना है की यह फिल्म प्रोपेगेंडा कैसे हो सकती है जबकि हमने उन्ही तथ्थों पर फिल्म तैयार की ,जो पब्लिक डोमेन में है। हमने सिर्फ वही दिखाया जो सच में हुआ।
कई मीम भी वायरल......
ट्रेलर रिलीज होने के बाद तीन मीम कुछ ज्यादा ही वायरल हो रहे है जिसमे राहुल गाँधी को एक्सीडेंटल कॉमेडियन, अरविन्द केजरीवाल को एक्सीडेंटल आम आदमी और बाबा रामदेव को एक्सीडेंटल बिजनेसमैन बताया गया है।
हलाकि क्या होता है ये फिल्म के रिलीज होने पर है।
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